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"बच्चा होना, कितना अच्छा / अनंतप्रसाद ‘रामभरोसे’" के अवतरणों में अंतर
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− | |रचनाकार=अनंतप्रसाद रामभरोसे
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− | <poem>
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− | बच्चों के संग बच्चा होना
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− | कितना अच्छा लगता है!
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− | कभी खेल में हँसना गाना
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− | ता-ता थैया नाच दिखाना,
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− | और कभी नाराज सभी से
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− | हो जाना, फिर मुँह लटकाना।
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− | झूठ-मूठ ऊँ-ऊँ कर रोना
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− | कितना अच्छा लगता है!
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− | गाल फुला आँखें मिचकाना
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− | करना काम कभी बचकाना,
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− | बंदर जैसी हरकत करके
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− | कभी डराना फिर भग जाना।
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− | खाना झूठ मूठ ले दौना
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− | कितना अच्छा लगता है!
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− | कल्लू नीनू चुन्नू-दीनू
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− | के संग मिलकर गप्प लड़ाना,
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− | इंजन बनकर छुक-छुक करना
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− | या टिक-टिक घोड़ा बन जाना।
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− | ऊपर लाद सभी को ढोना
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− | कितना अच्छा लगता है!
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− | </poem>
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22:18, 27 सितम्बर 2015 के समय का अवतरण