गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
मोबाइल / मंगलेश डबराल
No change in size
,
06:34, 20 जून 2020
वे फिर से अपनी ज़ंजीरें ठीक करते हैं बेल्ट कसते हैं
वे अपने मोबाइलों को अपने हथियारों की तरह उठाते हैं
और फिर से कुछ
ख़ऱीदने
ख़रीदने
के लिए चल देते हैं।
</poem>
Abhishek Amber
Mover, Reupload, Uploader
3,967
edits