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"ऊषा / विजयदान देथा 'बिज्‍जी'" के अवतरणों में अंतर

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* [[मैं चिर मौन भी तो क्‍योंकर / विजयदान देथा 'बिज्‍जी']]
 
* [[मैं चिर मौन भी तो क्‍योंकर / विजयदान देथा 'बिज्‍जी']]
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* [[मुझ मानव का, मानस मृणाल ही क्यों / विजयदान देथा 'बिज्‍जी']]
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* [[नयनों में रात बिता दूँगा ! / विजयदान देथा 'बिज्‍जी']]
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​* [[जाग्रत कर चिर—प्रसुप्त प्यार मेरा / विजयदान देथा 'बिज्‍जी']]
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* [[मेरे रोम—रोम में ऊषा छाई ! / विजयदान देथा 'बिज्‍जी']]
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* [[इतनी तो मेरी भी सुन लो ! / विजयदान देथा 'बिज्‍जी']]
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* [[मेरा तो स्वप्न बना रखना ! / विजयदान देथा 'बिज्‍जी']]
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* [[मैं तुमको न मिटने दूँगा ! / विजयदान देथा 'बिज्‍जी']]
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* [[किसका सन्देशा लाई हो / विजयदान देथा 'बिज्‍जी']]
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* [[क्या यह आमन्त्रण गान सुनाया ? / विजयदान देथा 'बिज्‍जी']]
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* [[मेरे अन्तर—तम में छिप जाओ ! / विजयदान देथा 'बिज्‍जी']]

17:39, 1 सितम्बर 2016 का अवतरण

ऊषा
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रचनाकार विजयदान देथा 'बिज्‍जी'
प्रकाशक राजस्‍थानी ग्रंथागार, जोधपुर
वर्ष
भाषा हिन्‍दी
विषय कविता
विधा
पृष्ठ 80
ISBN
विविध
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​* जाग्रत कर चिर—प्रसुप्त प्यार मेरा / विजयदान देथा 'बिज्‍जी'