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"दुबराज चांउर के महमहाब / बुधराम यादव" के अवतरणों में अंतर

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बेरा कुबेरा नगरिहा अउ
 
बेरा कुबेरा नगरिहा अउ
 
गड़हा गाड़ी जोतंय!
 
गड़हा गाड़ी जोतंय!
मसमोटी* म हांक त बैला
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मसमोटी म हांक त बैला
 
गजब ददरिया सोंटय!
 
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पारय टेही संगवारी ह
 
पारय टेही संगवारी ह
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दौंरी बेलन दूरिहागंय
 
दौंरी बेलन दूरिहागंय
 
आ गय ट्रेक्टंर टेर टेरहा!
 
आ गय ट्रेक्टंर टेर टेरहा!
मुठिया* डाँड़ी धुरखिल्ली*
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मुठिया डाँड़ी धुरखिल्ली  
सुमेला* सूपा कलारी* !
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सुमेला सूपा कलारी !
बावन बख्खेर कुड़ी* कोपर*
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बावन बख्खेर कुड़ी कोपर  
दतरी* नागर जुवाँरी!
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दतरी नागर जुवाँरी!
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परचाली* नाव भुलावत हे!
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घी राहर दार के संग सुघ्घार
 
घी राहर दार के संग सुघ्घार
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हे रसायन खातू
 
हे रसायन खातू
 
साग पान ल घलव चढ़ाथे
 
साग पान ल घलव चढ़ाथे
सूजी दवाई नाथू !
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सूजी दवाई नाथू!
 
मनखे बैरी बन गंय अपने
 
मनखे बैरी बन गंय अपने
 
मौत ल अपन बिसावत हें!
 
मौत ल अपन बिसावत हें!
  
 
गाँव जगावंय बड़कू बैगा
 
गाँव जगावंय बड़कू बैगा
बरिख दिन म आके !
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बरिख दिन म आके!
 
ठाकुर दइया महमाई म
 
ठाकुर दइया महमाई म
बस्ती संग जूरियाके !
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बस्ती संग जूरियाके!
 
पंडऱा बोकरा कर्रा कुकरा
 
पंडऱा बोकरा कर्रा कुकरा
 
उल्टा पाँख के कुकरी!
 
उल्टा पाँख के कुकरी!
 
सबके सेती चाऊँर चबावय
 
सबके सेती चाऊँर चबावय
बड़कू बैगा पोगरी* !
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बड़कू बैगा पोगरी !
 
पितर-गोतर देव-धामी अब
 
पितर-गोतर देव-धामी अब
 
वइसन कहाँ मनावत हें।
 
वइसन कहाँ मनावत हें।
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नकली पाँव पसारंय!
 
नकली पाँव पसारंय!
 
भीतर बगरत हे अंधियारी
 
भीतर बगरत हे अंधियारी
ऊपर दियना बारंय !
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राचर* फइका ओठगाके* तब
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राचर फइका ओठगाके तब
जहां चहंय चल देवंय !
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सुन्ना घर कुरिया के सरबस
 
सुन्ना घर कुरिया के सरबस
सोर परोसी लेवंय !
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सोर परोसी लेवंय!
 
आपुस के बिस्वास जनव अब
 
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पंछी बन उडिय़ावत हें !
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घर घुसरके मारंय पीटंय
 
घर घुसरके मारंय पीटंय
जबरन लूटंय खजाना !
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जबरन लूटंय खजाना!
 
बेरा कुबेरा रस्ता बाट के  
 
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कहिबे काय ठिकाना !
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निचट पराये के हितवा बन
 
निचट पराये के हितवा बन
जाके तलुवा चाटंय !
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जाके तलुवा चाटंय!
 
भाई भाई ले दुरमत कर
 
भाई भाई ले दुरमत कर
अपने बांह ल काटंय !
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जांघ ठोंक के बैरी जइसन
 
जांघ ठोंक के बैरी जइसन
अपने ल हुरियावत* हें !
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अपने ल हुरियावत हें!
 
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02:58, 28 अक्टूबर 2016 के समय का अवतरण

बेरा कुबेरा नगरिहा अउ
गड़हा गाड़ी जोतंय!
मसमोटी म हांक त बैला
गजब ददरिया सोंटय!
पारय टेही संगवारी ह
अउ जुवाब म गावय!
हिरदे के जमो जियान ल
चतुरा जनव घटावय!
खेतखार का डगर डगर अब
ट्रक ट्रेक्टवर टर्रावत हें!
मिसे कूटे धान पान अउ
ओन्हा री संझके रहा!
दौंरी बेलन दूरिहागंय
आ गय ट्रेक्टंर टेर टेरहा!
मुठिया डाँड़ी धुरखिल्ली
सुमेला सूपा कलारी !
बावन बख्खेर कुड़ी कोपर
दतरी नागर जुवाँरी!
नहना जोता बरही का
परचाली नाव भुलावत हे!

घी राहर दार के संग सुघ्घार
दुबराज चाउँर के महमहाब!
धनिया मेथी संग नइ रहि गय
गोभी के तइहा कस रूआब!
भुइंयाँ भर म जहर मिलावत
हे रसायन खातू
साग पान ल घलव चढ़ाथे
सूजी दवाई नाथू!
मनखे बैरी बन गंय अपने
मौत ल अपन बिसावत हें!

गाँव जगावंय बड़कू बैगा
बरिख दिन म आके!
ठाकुर दइया महमाई म
बस्ती संग जूरियाके!
पंडऱा बोकरा कर्रा कुकरा
उल्टा पाँख के कुकरी!
सबके सेती चाऊँर चबावय
बड़कू बैगा पोगरी !
पितर-गोतर देव-धामी अब
वइसन कहाँ मनावत हें।

असली जमो सिरावत हावंय
नकली पाँव पसारंय!
भीतर बगरत हे अंधियारी
ऊपर दियना बारंय!
राचर फइका ओठगाके तब
जहां चहंय चल देवंय!
सुन्ना घर कुरिया के सरबस
सोर परोसी लेवंय!
आपुस के बिस्वास जनव अब
पंछी बन उडिय़ावत हें!

घर घुसरके मारंय पीटंय
जबरन लूटंय खजाना!
बेरा कुबेरा रस्ता बाट के
कहिबे काय ठिकाना!
निचट पराये के हितवा बन
जाके तलुवा चाटंय!
भाई भाई ले दुरमत कर
अपने बांह ल काटंय!
जांघ ठोंक के बैरी जइसन
अपने ल हुरियावत हें!