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"कुभिण्डे दह / रमेश क्षितिज" के अवतरणों में अंतर
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08:21, 16 मार्च 2017 के समय का अवतरण
राजकुमारीजस्ती युवती जून
ओर्लिन्छे आकाशबाट
कहिले यो कुना, कहिले ऊ कुना
रातभरि नुहाइरहन्छे
यो पोखरीमा – निर्वश्त्र, निर्वश्त्र !
जुनेलीको जादुगरी छडीले छोएर
बिउँझाउँछे
छेउमा सुतेको राजकुमार पहाड
र बिहानीको रेसमी रुमाल सुकाएर डाँडामा
हराउँछे आफू – कहाँ हो कहाँ !
दिनभरि झोक्राएर पहाड
हेरिरहन्छ यही ऐनामा अनि
आफ्नो उदास अनुहार !
(कुभिण्डे दह : सल्यानमा रहेको एक ताल)