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"मैं परधान / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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मुझसे अधिक कौन सयान
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मैं सूखे जंगल का मधुवन
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तेरा तीस का लटका जोबन
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तू भिखमंगा दर-दर भटके
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ढूढ़े चाउर - दाल - पिसान
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मेरी जेब में हिन्दुस्तान
 
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15:58, 1 जनवरी 2017 के समय का अवतरण

तू भिखमंगा
बिल्कुल नंगा
मुँह में बस
दस हाथ जु़बान
सूखी हड्डी
सीना तान
मेरे हाथ में
धनुहा बान

तेरी चमड़ी
मेरा जूता
तेरा भेजा
मेरा कीमा
पूछे अब भी
मेरी सीमा
मुझसे अधिक कौन सयान
तू चिरकुट मैं परधान

मैं सूखे जंगल का मधुवन
तेरा तीस का लटका जोबन
मिट्टी एक
अलग मकान
तू भिखमंगा दर-दर भटके
ढूढ़े चाउर - दाल - पिसान
मेरी जेब में हिन्दुस्तान