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+ | बजबजा रही नालियाँ | ||
+ | कराहती सड़कें देखेा | ||
+ | और कहो फिर | ||
+ | नरकपालिका में हम सब | ||
+ | बड़े मज़े में हैं | ||
+ | बड़ी तरक्की की हमने | ||
+ | बड़ा चेन्ज आ गया | ||
+ | ज़माना बदल गया | ||
+ | बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने | ||
+ | उर्बरा भूमि में | ||
+ | उगा लिया संक्रमित बीज | ||
+ | भ्रान्तिवीर हम धन्य हुए | ||
+ | इंडियन थाल में डालर चढ़ा | ||
+ | आरती में | ||
+ | गौरी-गणेश का | ||
+ | हाई स्टेट्स सिम्बल | ||
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+ | सभ्यता अरी तू दुविधाग्रस्त | ||
+ | सम्पन्नता की रखैल | ||
+ | किसी ने तेरा डंका पीटा | ||
+ | किसी ने बाजा बजा दिया | ||
+ | ऋषियों का उपदेश | ||
+ | महागुरुओं का ज्ञान | ||
+ | गटर में सड़ता है | ||
+ | आबादी का एक बड़ा हिस्सा | ||
+ | ‘एड्स’ की जाँघ के नीचे | ||
+ | काला ख़ून उगलता है | ||
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+ | विद्युत विभाग की अनुकम्पा | ||
+ | जो कभी-कभी | ||
+ | दर्पण में चेहरा दिखता है | ||
+ | नलकूप का पट्टा हिलता है | ||
+ | वरना, अन्धेरा आम बात है | ||
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15:53, 1 जनवरी 2017 के समय का अवतरण
मर गया आँख का पानी
बंबे की टोंटी क्या भीगे
नगरपालिका है यह देखो
बजबजा रही नालियाँ
कराहती सड़कें देखेा
और कहो फिर
नरकपालिका में हम सब
बड़े मज़े में हैं
बड़ी तरक्की की हमने
बड़ा चेन्ज आ गया
ज़माना बदल गया
बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने
उर्बरा भूमि में
उगा लिया संक्रमित बीज
भ्रान्तिवीर हम धन्य हुए
इंडियन थाल में डालर चढ़ा
आरती में
गौरी-गणेश का
हाई स्टेट्स सिम्बल
सभ्यता अरी तू दुविधाग्रस्त
सम्पन्नता की रखैल
किसी ने तेरा डंका पीटा
किसी ने बाजा बजा दिया
ऋषियों का उपदेश
महागुरुओं का ज्ञान
गटर में सड़ता है
आबादी का एक बड़ा हिस्सा
‘एड्स’ की जाँघ के नीचे
काला ख़ून उगलता है
विद्युत विभाग की अनुकम्पा
जो कभी-कभी
दर्पण में चेहरा दिखता है
नलकूप का पट्टा हिलता है
वरना, अन्धेरा आम बात है