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"खुली खिड़की / शम्भु बादल" के अवतरणों में अंतर
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12:16, 3 अगस्त 2012 के समय का अवतरण
तुम्हारी खुली खिड़की से
देश लुट जाए
तुम्हें आनन्द है
तुम्हारी खुली खिड़की से
किसी का घर प्रकाशित हो
तुम्हें क्यों एतराज है ?