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− | मुक्ति के कारण नियम सब छोड़ डाले, | + | मुक्ति के कारण नियम सब छोड़ डाले,<br> |
− | अब तुम्हारे बंधनों की कामना है | | + | अब तुम्हारे बंधनों की कामना है|<br> |
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− | विरह यामिनी मी न पल भर नींद आयी, | + | विरह यामिनी मी न पल भर नींद आयी,<br> |
− | क्यों मिलन के पात वह नैनों समायी, | + | क्यों मिलन के पात वह नैनों समायी,<br> |
− | एक क्षण में ही तो मिलन मी जागना है | | + | एक क्षण में ही तो मिलन मी जागना है| <br> |
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− | यह अभागा प्यार ही यदि है भुलाना, | + | यह अभागा प्यार ही यदि है भुलाना,<br> |
− | तो विरह के वे कठिन क्षण भूल जाना, | + | तो विरह के वे कठिन क्षण भूल जाना,<br> |
− | हाय जिनका भूलना मुझको मना है | | + | हाय जिनका भूलना मुझको मना है |<br> |
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− | मुक्त हो उच्छ्वास अंबर मापता है , | + | मुक्त हो उच्छ्वास अंबर मापता है,<br> |
− | तारकों के पास जा कुछ कांपता है, | + | तारकों के पास जा कुछ कांपता है,<br> |
− | श्वास के हर कम्प मी कुछ याचना है | | + | श्वास के हर कम्प मी कुछ याचना है|<br> |
14:19, 2 जून 2008 का अवतरण
युक्ति के सारे नियंत्रण तोड़ डाले,
मुक्ति के कारण नियम सब छोड़ डाले,
अब तुम्हारे बंधनों की कामना है|
विरह यामिनी मी न पल भर नींद आयी,
क्यों मिलन के पात वह नैनों समायी,
एक क्षण में ही तो मिलन मी जागना है|
यह अभागा प्यार ही यदि है भुलाना,
तो विरह के वे कठिन क्षण भूल जाना,
हाय जिनका भूलना मुझको मना है |
मुक्त हो उच्छ्वास अंबर मापता है,
तारकों के पास जा कुछ कांपता है,
श्वास के हर कम्प मी कुछ याचना है|