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"सङ्गाल घुम्टोहरू / नगेन्द्र थापा" के अवतरणों में अंतर
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15:14, 9 जुलाई 2017 का अवतरण
सँगाल घुम्टोहरु सजाउ केशहरु
म आएँ आँधी बोकेर सम्हाल बेगहरु २
आँधीले उडाईदेला लाजका ती पर्दाहरु
बतासले खोसी देला ओठका ती हाँसोहरु
यो आँधीलाई ख्याल सम्झी नछोड दृष्टिहरु
आँखैम़ा सुकी जाला लुकेका दृष्टिहरु
म आएँ….
भाग्छ जो भाग्न देउ लिएर जेथाहरु
गाउँछु म सुसेलीमा भरिला यी व्यथाहरु
म आएँ आफ्नै भनी बोकेर चिनोहरु
लुकाऊ प्यारा प्यारा कलिला बैंशहरु
म आएँ….
शब्द र संगीत: गोपाल योन्जन
स्वर: नारायण गोपाल