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"भोत अंधारो है.. / ओम पुरोहित ‘कागद’" के अवतरणों में अंतर

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सुरजी नै चिड़ांवतो!
  
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जठै लुकग्या हाथ
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दिखै ई नीं
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खुद रै पगां रो कादो
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भोत अंधारो है
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थकां सुरजी!
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है तो सरी सुरजी
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आभै में पकायत
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है कठै पण ठाह नीं
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फिरग्या आडा
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जळबायरा बादळिया!
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इयां तो ढबै नीं सुरजी
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निकळसी एक दिन
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बादळियां नै फटकार
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पळपळांवतो
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आभै रै सूंवै बिचाळै!
 
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14:33, 28 जून 2017 के समय का अवतरण

होया करै जेड़ो
है दिन
चोगड़दै पण भंवै
साव अंधारो
सुरजी नै चिड़ांवतो!

कुण देखै सूई
जठै लुकग्या हाथ
दिखै ई नीं
खुद रै पगां रो कादो
भोत अंधारो है
थकां सुरजी!

है तो सरी सुरजी
आभै में पकायत
है कठै पण ठाह नीं
फिरग्या आडा
जळबायरा बादळिया!

इयां तो ढबै नीं सुरजी
निकळसी एक दिन
बादळियां नै फटकार
पळपळांवतो
आभै रै सूंवै बिचाळै!