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"राजधानी में बैल 1 / उदय प्रकाश" के अवतरणों में अंतर

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बादलों को सींग पर उठाए
 
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एक बूंद के अचानक गिरने से
 
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देर तक सिहरती रहती है उसकी त्वचा
 
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देखता हुआ उसे
 
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भीगता हूं मैं
 
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22:51, 10 नवम्बर 2009 का अवतरण

बादलों को सींग पर उठाए
खड़ा है आकाश की पुलक के नीचे

एक बूंद के अचानक गिरने से
देर तक सिहरती रहती है उसकी त्वचा

देखता हुआ उसे
भीगता हूं मैं

देर तक ।