भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"नीम का पौधा / गीत चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गीत चतुर्वेदी }} यह नीम का पौधा है जिसे झुक कर और झुक क...)
 
पंक्ति 21: पंक्ति 21:
 
इसे एक छोटी बच्ची ने पानी दे-देकर सींचा है
 
इसे एक छोटी बच्ची ने पानी दे-देकर सींचा है
  
इसकी हरी प‍त्तियों में वह कड़ुआहट है जो
+
इसकी हरी पत्तियों में वह कड़ुआहट है जो
  
ज़ुबान को मीठे का महत्व समझाती है
+
ज़ुबान को मीठे का महत्त्व समझाती है
  
जिन लोगों को ऊंचाई से डर लगता है
+
जिन लोगों को ऊँचाई से डर लगता है
  
वे आएं और इसकी लघुता से साहस पाएं
+
वे आएँ और इसकी लघुता से साहस पाएँ

19:56, 20 जून 2008 का अवतरण

यह नीम का पौधा है

जिसे झुक कर

और झुक कर देखो

तो नीम का पेड़ लगेगा

और झुको, थोड़ा और

मिट्टी की देह बन जाओ

तुम इसकी छांह महसूस कर सकोगे


इसे एक छोटी बच्ची ने पानी दे-देकर सींचा है

इसकी हरी पत्तियों में वह कड़ुआहट है जो

ज़ुबान को मीठे का महत्त्व समझाती है

जिन लोगों को ऊँचाई से डर लगता है

वे आएँ और इसकी लघुता से साहस पाएँ