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"भविष्यवाणी / रामनरेश पाठक" के अवतरणों में अंतर

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एक अनाम असंज्ञेय मनःस्थिति  
 
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कुरेद रही है घटनाएं
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कुरेद रही है घटनाएँ
 
खंडित जिजीविषा के नाम पर  
 
खंडित जिजीविषा के नाम पर  
  

16:17, 22 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण

एक नीली वियद् गंगा
कार्यों और कारणों
समस्यायों और परिणामों के
समतोल पर अवस्थित है

एक अनाम असंज्ञेय मनःस्थिति
कुरेद रही है घटनाएँ
खंडित जिजीविषा के नाम पर

एक जिज्ञासा मुद्रित हो जाती है
समाचार पत्रों के शीर्ष पर और
करती रहती है भविष्यवाणियाँ
दो अरब चौंतीस करोड़ सत्तर लाख पचास हज़ार नौ सौ तीस वर्षों के निमित्त