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"अलविदा / ब्रजमोहन" के अवतरणों में अंतर
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सूर्य की किरण से अन्धकार में | सूर्य की किरण से अन्धकार में |
01:18, 23 अक्टूबर 2017 के समय का अवतरण
चेराबण्डा राजु के प्रति
साथी रे ... अलविदा
सूर्य की किरण से अन्धकार में
तुम जिए हो ज़िन्दगी के प्यार में
ज़िन्दगी को ज़िन्दगी से कौन कर सकता जुदा
अलविदा ...
जिनके दर्द थे अब उनके ओंठ पर ही गा रहे
अब तुम्हारे गीत ज़िन्दगी का सर उठा रहे
तुमने फूल को सिखाई
आग बनने की अदा
अलविदा ...
तुम्हारे ख़्वाब पँख पर उड़ा रहे हैं आसमान
तुम्हारे शब्द अब धड़क रहे दिनों के दरमियान
जीतेंगे हम यक़ीन है
कि जीतता है सच सदा
अलविदा ...
साथी रे ... अलविदा