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लो कहा साँबरी
रचनाकार | तेजी ग्रोवर |
---|---|
प्रकाशक | नेशनल पब्लिशिंग हाउस, 23, दरियागंज, दिल्ली-110002 |
वर्ष | 1994 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 86 |
ISBN | 81-214-0537-8 |
विविध |
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- इस संग्रह के बारे में / तेजी ग्रोवर
- मौन / तेजी ग्रोवर
- ऎन उस वक़्त / तेजी ग्रोवर
- जित्ते पक्षी की यह पंक्ति / तेजी ग्रोवर
- सुनो मैं वाक़ई / तेजी ग्रोवर
- बुलबुलों की दुकान / तेजी ग्रोवर
- दिन-1 / तेजी ग्रोवर
- दिन-2 / तेजी ग्रोवर
- सुबीर और अपने समेत कुछ कवियों को सलाह / तेजी ग्रोवर
- भूखा हाथी और केले का पेड़ / तेजी ग्रोवर
- सफ़ेद साँप / तेजी ग्रोवर
- दाँत / तेजी ग्रोवर
- इस गर्मी की चौदह भूमिकाएँ / तेजी ग्रोवर
जुदाई गीत
- जुदाई गीत-1 / तेजी ग्रोवर
- जुदाई गीत-2 / तेजी ग्रोवर
- जुदाई गीत-3 / तेजी ग्रोवर
- जुदाई गीत-4 / तेजी ग्रोवर
- जुदाई गीत-5 / तेजी ग्रोवर
- जुदाई गीत-6 / तेजी ग्रोवर
सखा की कविताएँ
- इससे पहले / तेजी ग्रोवर
- एक दिन की बात है / तेजी ग्रोवर
- सम्भावना के बिना प्यार का शहद और नमक-1 / तेजी ग्रोवर
- सम्भावना के बिना प्यार का शहद और नमक-2 / तेजी ग्रोवर
- सखियों के ध्यान में / तेजी ग्रोवर
- कैसे कहे कोई / तेजी ग्रोवर
- कथा में मैं का वह में बदलना और मैं का कथा में / तेजी ग्रोवर
- एक नाटकीय औरत के अन्तिम प्रेम का नाटक, चार द्श्य कविताओं में / तेजी ग्रोवर
लो कहा साँबरी और अन्त की कविताएँ
- लो कहा साँबरी (कविता) / तेजी ग्रोवर
- बच्ची / तेजी ग्रोवर
- रंग लगाकर उसने / तेजी ग्रोवर
- एक दिन में आख़िर / तेजी ग्रोवर
- एक मछली / तेजी ग्रोवर
- यह स्वप्न नहीं है / तेजी ग्रोवर
- मेरी देह पर / तेजी ग्रोवर
- आँधी में / तेजी ग्रोवर
- उड़ चुकी है / तेजी ग्रोवर
- सन्तप्त कवि / तेजी ग्रोवर
- शान्त शहर के लोग / तेजी ग्रोवर
- थके हुए शहर के लोग / तेजी ग्रोवर
- ईर्ष्या-1 / तेजी ग्रोवर
- ईर्ष्या-2 / तेजी ग्रोवर
- न ओस ही / तेजी ग्रोवर
- एक वस्त्र ही / तेजी ग्रोवर
- अन्त की कविताएँ-1 / तेजी ग्रोवर
- अन्त की कविताएँ-2 / तेजी ग्रोवर
- अन्त की कविताएँ-3 / तेजी ग्रोवर
- अन्त की कविताएँ-4 / तेजी ग्रोवर