भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"हमारी आँख / प्रेमशंकर शुक्ल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रेमशंकर शुक्ल |संग्रह=कुछ आकाश / प्रेमशंकर शुक्ल }} ह...)
 
छो
पंक्ति 21: पंक्ति 21:
  
 
इंकार की दिशा है
 
इंकार की दिशा है
 +
 +
ham tum

15:45, 6 दिसम्बर 2011 का अवतरण

हमारी आँख

वह बिन्दु है

फूटती हैं जहाँ से

दस दिशाएँ


नाक की सीध में

जा रहे जो मेरे पाँव

वह मेरी आँख के

इंकार की दिशा है

ham tum