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"जूते / अनूप सेठी" के अवतरणों में अंतर
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कई हज़ार साल हो गए | कई हज़ार साल हो गए | ||
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नंगे पैर से टोह नहीं ली किसी ने धरती की | नंगे पैर से टोह नहीं ली किसी ने धरती की | ||
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21:59, 4 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
कई हज़ार साल पहले जब एक दिन
किसी ने खाल खींची होगी इंसान की
उसके कुछ ही दिन बाद जूता पहना होगा
धरती की नंगी पीठ पर जूतों के निशान मिलते हैं
नुची हुई देह नीचे दबी होगी
धरती हरियाली का लेप लगाती है
जूते आसमान पाताल खोज आए
जूते की गंध दिमाग तक चढ़ आई है
कई हज़ार साल हो गए
नंगे पैर से टोह नहीं ली किसी ने धरती की