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"मोर्चे का गीत / गोरख पाण्डेय" के अवतरणों में अंतर

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19:32, 2 नवम्बर 2018 के समय का अवतरण

रोशनी और फ़ौलाद का मोर्चा
हम बनाएँगे जनवाद का मोर्चा
जिनकी बस्ती लुटी जिनकी ख़ुशियाँ लुटीं
उनकी ताक़त की ईजाद का मोर्चा
हम किसानों व मज़दूरों का मोर्चा
उगते सूरज का और चाँद का मोर्चा
कर्म से ज्ञान का, ज्ञान से मुक्ति का
मुक्ति से सबके संवाद का मोर्चा
सब लुटेरों, सभी ज़ालिमों के ख़िलाफ़
युद्ध के शंख के नाद का मोर्चा
एक दुनिया नई जो है गढ़ने चले
ऐसे सपनों की बुनियाद का मोर्चा
हम बनाएँगे जनवाद का मोर्चा
रोशनी और फ़ौलाद का मोर्चा