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[[Category:हाइकु]]
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21मन सिंधड़ाझेल नुकीले बाणसुलगा तन ।22गाँठ में न थीकोई दुर्भावना तोदण्डित हुए।23प्राण विकलढूँढा तुम्हें कितनाछुपे दिल में।24'''आकुल बाहें'''कभी तो बँध जाओआलिंगन में।25धरा नर्तितसिंधु -घन गरजेबाहों में ले लो।26कोई न जानेतुम मेरे हो कौनध्रुव तारा हो।27तुम हो गतितुम प्राणों की यतिरोम ये बाँचे।28होंठों ने छुआसाँसें बनी थी दुआनैनों ने जपा।29आ जाओ द्वारेभोर से शाम तकप्राण ये पुकारें।30 खुशबू आईमहकी गली गलीजूही की कली ।
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