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[[Category:हाइकु]]
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41'''चौमुखा दिया'''बनकर जला मैंतुम्हारे लिए।42मन के दीपजब- जब ज्योतितमिटे अज्ञान।43ज्योति तुम्हारीमन-आँगन जगीनैन सजल ।44तुम पावनमेरी मनभावनआत्म रूप हो।45ठिठुरे रिश्ते।सुखद आँच जैसास्पर्श तुम्हारा46कोई न आयासर्द रात ठिठुरीतू मुझे भाया।47हिमानी भावकोई यों कब तकरखे लगाव।48काँपे थे तारेबरसे थी नभ सेबर्फीली रूई।49जमी हैं झीलेंअपत्र तरुदलठिठुरे,काँपे।50जग है क्रूरतेरा सहारा सिर्फ़जीने की आस।
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