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"नव वर्ष ऐसा हो / 'सज्जन' धर्मेन्द्र" के अवतरणों में अंतर

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नव वर्ष ऐसा हो
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एक डॉलर के बराबर
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एक पैसा हो
  
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ऊसरों में धान हो पैदा
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रूपया दे पाव भर मैदा
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हर नदी को तू रवानी दे
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हर कुआँ तालाब पानी दे
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लौट आए गाँव शहरों से
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हों न शहरी लोग बहरों से
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खूब ढोरों के लिये
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चोकर व भूसा हो
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क़ैद हो आतंक का दानव
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और सब दानव, बनें मानव
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ताप धरती का जरा कम हो
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रेत की छाती जरा नम हो
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घाव सब ओजोन के भर दो
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तेल पर ना युद्ध अब से हो
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साल ये भगवन
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धरा पर स्वर्ग जैसा हो
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सूर्य पर विस्फोट हों धीरे
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भूध्रुवों पर चोट हो धीरे
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अब कहीं भूकंप ना आयें
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हम सुनामी क़ैद कर पायें
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अब न काले द्रव्य उलझायें
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सब समस्याएँ सुलझ जायें
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चाहता जो भी हृदय ये
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ठीक वैसा हो
 
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20:51, 21 जनवरी 2019 के समय का अवतरण

है यही विनती प्रभो
नव वर्ष ऐसा हो
एक डॉलर के बराबर
एक पैसा हो

ऊसरों में धान हो पैदा
रूपया दे पाव भर मैदा
हर नदी को तू रवानी दे
हर कुआँ तालाब पानी दे
लौट आए गाँव शहरों से
हों न शहरी लोग बहरों से

खूब ढोरों के लिये
चोकर व भूसा हो

क़ैद हो आतंक का दानव
और सब दानव, बनें मानव
ताप धरती का जरा कम हो
रेत की छाती जरा नम हो
घाव सब ओजोन के भर दो
तेल पर ना युद्ध अब से हो

साल ये भगवन
धरा पर स्वर्ग जैसा हो

सूर्य पर विस्फोट हों धीरे
भूध्रुवों पर चोट हो धीरे
अब कहीं भूकंप ना आयें
हम सुनामी क़ैद कर पायें
अब न काले द्रव्य उलझायें
सब समस्याएँ सुलझ जायें

चाहता जो भी हृदय ये
ठीक वैसा हो