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"मगहिया ही हम / उमेश बहादुरपुरी" के अवतरणों में अंतर

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मगहिया ही हम मगही बोलबे करम।
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मगहिया ही हम मगही बोलबे करम
काहे के लाज भइया काहे के शरम।।
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काहे के लाज भइया काहे के शरम
सुनबइ मगही बोलबइ मगही।
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सुनबइ मगही बोलबइ मगही
पढ़बइ मगही लिखबइ मगही।
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पढ़बइ मगही लिखबइ मगही
इहे ईमान हमर ईहे धरम।। मगहिया ....
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इहे ईमान हमर ईहे धरम
हमरा मान चाही स्वाभिमान चाही।
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मगहिया ....
खाली मगधे न´् सउँसे हिंदुस्तान चाही।
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हमरा मान चाही स्वाभिमान चाही
तोड़ देबइ हम एक दिन सबके भरम।। मगहिया ....
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खाली मगधे नञ् सउँसे हिंदुस्तान चाही
मनेर के लड्डू सिलाव के खाजा।
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तोड़ देबइ हम एक दिन सबके भरम
चोंदी के लाय आव गाजा।
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मगहिया ....
सतधरवा के पानी हे गरमागरम मगहिया ....
+
मनेर के लड्डू सिलाव के खाजा
सजल रहे बजार सदा रहे बहार।
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चोंदी के लाय आव गाजा
ई बगिया में सदा कोयल करे पुकार।
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सतधरवा के पानी हे गरमागरम  
मगहिये बन जीयम मगहिये ले मरम।। मगहिया .....
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मगहिया ....
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सजल रहे बजार सदा रहे बहार
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ई बगिया में सदा कोयल करे पुकार
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मगहिये बन जीयम मगहिये ले मरम
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मगहिया .....
  
 
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11:24, 14 मार्च 2019 के समय का अवतरण

मगहिया ही हम मगही बोलबे करम
काहे के लाज भइया काहे के शरम
सुनबइ मगही बोलबइ मगही
पढ़बइ मगही लिखबइ मगही
इहे ईमान हमर ईहे धरम
मगहिया ....
हमरा मान चाही स्वाभिमान चाही
खाली मगधे नञ् सउँसे हिंदुस्तान चाही
तोड़ देबइ हम एक दिन सबके भरम
मगहिया ....
मनेर के लड्डू सिलाव के खाजा
चोंदी के लाय आव गाजा
सतधरवा के पानी हे गरमागरम
मगहिया ....
सजल रहे बजार सदा रहे बहार
ई बगिया में सदा कोयल करे पुकार
मगहिये बन जीयम मगहिये ले मरम
मगहिया .....