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"जिनगी भेलै बेकार / ब्रह्मदेव कुमार" के अवतरणों में अंतर

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हमरोॅ छोटोॅ टा एक भूल सेॅ, पूरा जिनगी भेलै बेकार।
 
हमरोॅ छोटोॅ टा एक भूल सेॅ, पूरा जिनगी भेलै बेकार।
केना केॅ आबें जीबोॅ हम्मेॅ, आँखी में नै छै नींद हमार।।
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केना केॅ आबें जीबोॅ हम्मेॅ, आँखी में नै छै नींद हमार।
  
 
जानें जखनी की भेलै, हमरोॅ माथा में की घुसलै
 
जानें जखनी की भेलै, हमरोॅ माथा में की घुसलै
 
पढ़ै-लिखै रोॅ बारे में, कुछु मनोॅ में नै अटलै।
 
पढ़ै-लिखै रोॅ बारे में, कुछु मनोॅ में नै अटलै।
सुनी लेॅ तोंय भगवान, जरलोॅ हमरोॅ कपार।।
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सुनी लेॅ तोंय भगवान, जरलोॅ हमरोॅ कपार।
  
 
हम्हीं आपनों मुँहोॅ सेॅ, छीनी लेलियै आपन्हैं मुस्कान
 
हम्हीं आपनों मुँहोॅ सेॅ, छीनी लेलियै आपन्हैं मुस्कान
 
हमरोॅ वास्तें रात आरो दिन, काला अक्षर भैंस समान।
 
हमरोॅ वास्तें रात आरो दिन, काला अक्षर भैंस समान।
की करबै, केना करबै, केना होतै जिनगी उजियार।।
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की करबै, केना करबै, केना होतै जिनगी उजियार।
  
 
अंत-अंत में हम्हूँ पढ़बै, आरो आपनोॅ हिसाब चुकैबै
 
अंत-अंत में हम्हूँ पढ़बै, आरो आपनोॅ हिसाब चुकैबै
 
पढ़ी-लिखी केॅ शिक्षित बनबै, मिली-जुली केॅ साथें रहबै।
 
पढ़ी-लिखी केॅ शिक्षित बनबै, मिली-जुली केॅ साथें रहबै।
चललै साक्षरता अभियान, देखोॅ बुझोॅ सगरोॅ संसार।।
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चललै साक्षरता अभियान, देखोॅ बुझोॅ सगरोॅ संसार।
 
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23:16, 2 मई 2019 के समय का अवतरण

हमरोॅ छोटोॅ टा एक भूल सेॅ, पूरा जिनगी भेलै बेकार।
केना केॅ आबें जीबोॅ हम्मेॅ, आँखी में नै छै नींद हमार।

जानें जखनी की भेलै, हमरोॅ माथा में की घुसलै
पढ़ै-लिखै रोॅ बारे में, कुछु मनोॅ में नै अटलै।
सुनी लेॅ तोंय भगवान, जरलोॅ हमरोॅ कपार।

हम्हीं आपनों मुँहोॅ सेॅ, छीनी लेलियै आपन्हैं मुस्कान
हमरोॅ वास्तें रात आरो दिन, काला अक्षर भैंस समान।
की करबै, केना करबै, केना होतै जिनगी उजियार।

अंत-अंत में हम्हूँ पढ़बै, आरो आपनोॅ हिसाब चुकैबै
पढ़ी-लिखी केॅ शिक्षित बनबै, मिली-जुली केॅ साथें रहबै।
चललै साक्षरता अभियान, देखोॅ बुझोॅ सगरोॅ संसार।