"सीढ़ी / लीलाधर जगूड़ी" के अवतरणों में अंतर
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बावजूद इस सब के यह आख़िरी सीढ़ी थी | बावजूद इस सब के यह आख़िरी सीढ़ी थी | ||
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यह सीढ़ी वह पेड़ तो नहीं थी | यह सीढ़ी वह पेड़ तो नहीं थी | ||
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जिस पर कभी मैं किशोर चढ़ता था आकाश में | जिस पर कभी मैं किशोर चढ़ता था आकाश में | ||
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डाँट पड़ती थी तो खिसक कर | डाँट पड़ती थी तो खिसक कर | ||
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एक बार पेड़ से नहीं पिटाई से घायल हुआ था मैं | एक बार पेड़ से नहीं पिटाई से घायल हुआ था मैं | ||
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मेरी पौत्री अनन्या कह रही है | मेरी पौत्री अनन्या कह रही है | ||
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आप बहुत अच्छे दादा हैं | आप बहुत अच्छे दादा हैं | ||
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आपने सारी सीढ़ियाँ चढ़ ली हैं | आपने सारी सीढ़ियाँ चढ़ ली हैं | ||
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मैं उसे समझाना चाहता हूँ | मैं उसे समझाना चाहता हूँ | ||
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कोई भी सीढ़ी अंतिम नहीं होती | कोई भी सीढ़ी अंतिम नहीं होती | ||
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अपनी बचपन की सीढ़ी सहित | अपनी बचपन की सीढ़ी सहित | ||
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मेरे बारे में ‘नाटक जारी है’ की वह पँक्ति भी याद रखना | मेरे बारे में ‘नाटक जारी है’ की वह पँक्ति भी याद रखना | ||
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17:00, 5 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण
मैं हर सीढ़ी पर हाँफ़ रहा था
मुश्किल से चढ़ पा रहा था
बावजूद इस सब के यह आख़िरी सीढ़ी थी
यह सीढ़ी वह पेड़ तो नहीं थी
जिस पर कभी मैं किशोर चढ़ता था आकाश में
डाँट पड़ती थी तो खिसक कर
उतर आता था ज़मीन पर
गिर कर हाथ-पाँव तुड़वाने के मुकाबले
एक बार पेड़ से नहीं पिटाई से घायल हुआ था मैं
मेरी पौत्री अनन्या कह रही है
आप बहुत अच्छे दादा हैं
आपने सारी सीढ़ियाँ चढ़ ली हैं
मैं उसे समझाना चाहता हूँ
कोई भी सीढ़ी अंतिम नहीं होती
ऊँचाई में चढ़ रहें हो तब तो और भी नहीं
कुछ लोग ऊँचाई पा लेने के बाद सीढ़ियाँ हटा देते हैं
ताकि लोग इस भ्रम में रहें कि वे खुद यहाँ तक पहुँचे हैं
बहुत-सी सीढ़ियों में से बचपन जीवन की महत्वपूर्ण सीढ़ी है
तुम एक-एक कर सारी सीढ़ियों को याद रखना
अपनी बचपन की सीढ़ी सहित
मेरे बारे में ‘नाटक जारी है’ की वह पँक्ति भी याद रखना
जिसमें मैं कह पाया था कि ’रोज़ सीढ़ियाँ उतरता हूँ
मगर नरक ख़तम नहीं होता’ ।