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"कबाड़ / अनूप सेठी" के अवतरणों में अंतर

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उन्होंने बहुत सी चीज़ें बनाईं  
 
उन्होंने बहुत सी चीज़ें बनाईं  
 
 
और उनका उपयोग सिखाया  
 
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उन्होंने बहुत सी और चीज़ें बनाईं दिलफरेब  
 
उन्होंने बहुत सी और चीज़ें बनाईं दिलफरेब  
 
 
और उनका उपभोग सिखाया  
 
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उन्होंने हमारा तन मन धन ढाला अपने सांचों में  
 
उन्होंने हमारा तन मन धन ढाला अपने सांचों में  
 
 
और हमने लुटाया सर्वस्व  
 
और हमने लुटाया सर्वस्व  
 
  
 
जो हमारे घरों में और समाया हमारे भीतर  
 
जो हमारे घरों में और समाया हमारे भीतर  
 
  
 
जाने किस कूबत से हमने  
 
जाने किस कूबत से हमने  
 
 
उसे कबाड़ की तरह फेंकना सीखा  
 
उसे कबाड़ की तरह फेंकना सीखा  
 
  
 
कबाड़ी उसे बेच आए मेहनताना लेकर  
 
कबाड़ी उसे बेच आए मेहनताना लेकर  
 
 
उन्होंने उसे फिर फिर दिया नया रूप रंग गंध और स्वाद  
 
उन्होंने उसे फिर फिर दिया नया रूप रंग गंध और स्वाद  
 
 
हमने फिर फिर लुटाया सर्वस्व  
 
हमने फिर फिर लुटाया सर्वस्व  
 
 
और फिर फिर फेंका कबाड़  
 
और फिर फिर फेंका कबाड़  
 
  
 
इस कारोबार ने दुनिया को फाड़ा भीतर से फांक फांक  
 
इस कारोबार ने दुनिया को फाड़ा भीतर से फांक फांक  
 
 
बाहर से सिल दिया गेंद की तरह  
 
बाहर से सिल दिया गेंद की तरह  
 
 
ठसाठस कबाड़ भरा विस्फोटक है  
 
ठसाठस कबाड़ भरा विस्फोटक है  
 
 
अंतरिक्ष में लटका हुआ पृथ्वी का नीला संतरा •
 
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21:56, 4 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

उन्होंने बहुत सी चीज़ें बनाईं
और उनका उपयोग सिखाया

उन्होंने बहुत सी और चीज़ें बनाईं दिलफरेब
और उनका उपभोग सिखाया

उन्होंने हमारा तन मन धन ढाला अपने सांचों में
और हमने लुटाया सर्वस्व

जो हमारे घरों में और समाया हमारे भीतर

जाने किस कूबत से हमने
उसे कबाड़ की तरह फेंकना सीखा

कबाड़ी उसे बेच आए मेहनताना लेकर
उन्होंने उसे फिर फिर दिया नया रूप रंग गंध और स्वाद
हमने फिर फिर लुटाया सर्वस्व
और फिर फिर फेंका कबाड़

इस कारोबार ने दुनिया को फाड़ा भीतर से फांक फांक
बाहर से सिल दिया गेंद की तरह
ठसाठस कबाड़ भरा विस्फोटक है
अंतरिक्ष में लटका हुआ पृथ्वी का नीला संतरा •

(1997)