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"मौसम / अनूप सेठी" के अवतरणों में अंतर
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हवा के रास्ते | हवा के रास्ते | ||
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सूरज वस्त्र वस्त्र जल सोख लेने पर उतारू है | सूरज वस्त्र वस्त्र जल सोख लेने पर उतारू है | ||
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नदी के वास्ते | नदी के वास्ते | ||
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यह भी एक ऋतु आई है. | यह भी एक ऋतु आई है. | ||
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पहाड़ों ने रख दिया | पहाड़ों ने रख दिया | ||
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कतरा कतरा समुद्र घाटियों के हाथ | कतरा कतरा समुद्र घाटियों के हाथ | ||
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नदी उठी | नदी उठी | ||
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चली पीहर | चली पीहर | ||
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ले उत्सवी सौगात. | ले उत्सवी सौगात. | ||
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रात भर दहकते रहे हैं बादल | रात भर दहकते रहे हैं बादल | ||
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चार पग उतर क्यों नहीं आए तुम | चार पग उतर क्यों नहीं आए तुम | ||
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हवा के आंचल ही बांध भेज देते | हवा के आंचल ही बांध भेज देते | ||
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तनिक सी एक फुहार. | तनिक सी एक फुहार. | ||
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हवा उड़ी ले | हवा उड़ी ले | ||
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विश्वासों के कुछ भीगे हिन्से | विश्वासों के कुछ भीगे हिन्से | ||
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युकिलिप्टस झर चला | युकिलिप्टस झर चला | ||
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बस ताकता आकाश. | बस ताकता आकाश. | ||
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(1978) | (1978) | ||
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22:07, 4 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
1.
हवा के रास्ते
सूरज वस्त्र वस्त्र जल सोख लेने पर उतारू है
नदी के वास्ते
यह भी एक ऋतु आई है.
2.
पहाड़ों ने रख दिया
कतरा कतरा समुद्र घाटियों के हाथ
नदी उठी
चली पीहर
ले उत्सवी सौगात.
3.
रात भर दहकते रहे हैं बादल
चार पग उतर क्यों नहीं आए तुम
हवा के आंचल ही बांध भेज देते
तनिक सी एक फुहार.
4.
हवा उड़ी ले
विश्वासों के कुछ भीगे हिन्से
युकिलिप्टस झर चला
बस ताकता आकाश.
(1978)