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"माँ सरस्‍वती / कुमार मुकुल" के अवतरणों में अंतर

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मां सरस्‍वती! वरदान दो
 
मां सरस्‍वती! वरदान दो
 
कि हम सदा फूलें-फलें
 
कि हम सदा फूलें-फलें

19:16, 28 अगस्त 2008 का अवतरण

मां सरस्‍वती! वरदान दो
कि हम सदा फूलें-फलें
अज्ञान सारा दूर हो
और हम आगे बढ़ें
अंधकार के आकाश को
हम पारकर उपर उठें
अहंकार के इस पाश को
हम काट कर के मुक्‍त हों
क्रोध की अग्नि हमारी
शेष होकर राख हो
प्रेम की धारा मधुर
फिर से हृदय में बह चले
मां सरस्‍वती! वरदान दो
कि हम सदा फूलें-फलें!