भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अज्ञात स्पर्श / सुमित्रानंदन पंत" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(New page: शरद के एकांत शुभ्र प्रभात में हरसिंगार के सहस्रों झरते फूल उस आनंद सौन्...) |
Pratishtha (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
+ | {{KKGlobal}} | ||
+ | {{KKRachna | ||
+ | |रचनाकार=सुमित्रानंदन पंत | ||
+ | |संग्रह=कला और बूढ़ा चांद / सुमित्रानंदन पंत | ||
+ | }} | ||
+ | <poem> | ||
शरद के | शरद के | ||
एकांत शुभ्र प्रभात में | एकांत शुभ्र प्रभात में |
18:33, 4 सितम्बर 2008 का अवतरण
शरद के
एकांत शुभ्र प्रभात में
हरसिंगार के
सहस्रों झरते फूल
उस आनंद सौन्दर्य का
आभास न दे सके
जो
तुम्हारे अज्ञात स्पर्श से
असंख्य स्वर्गिक अनुभूतियों में
मेरे भीतर
बरस पड़ता है !