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नई भोर / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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02:30, 2 जनवरी 2023
जगे प्रेम नित,
दुख सारी
दुनिया का हर लो।
[22-10-1989;अणुव्रत जन-प्रथम-91,अनुभूति 1जन-2005]
</poem>
वीरबाला
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