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"आकाश स्थिर / अजित कुमार" के अवतरणों में अंतर

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|संग्रह=अकेले कंठ की पुकार / अजित कुमार
 
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मगर आकाश सुस्थिर है ।
 
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अचिर सब है,
 
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शून्य का, पर, भाव यह चिर है ।
 
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नभ असीम, अपार का
 
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वैभव अदृष्ट, अमाप;
 
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मनुज है ऊँचा बहुत,
 
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पर यहाँ नतशिर है ।
 
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20:44, 1 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

और सब अस्थिर
मगर आकाश सुस्थिर है ।

अचिर सब है,
शून्य का, पर, भाव यह चिर है ।
नभ असीम, अपार का
वैभव अदृष्ट, अमाप;
मनुज है ऊँचा बहुत,
पर यहाँ नतशिर है ।