भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"उनुका से कहि दऽ / अशोक द्विवेदी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Jalaj Mishra (चर्चा | योगदान) |
Jalaj Mishra (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
− | |रचनाकार= | + | |रचनाकार=अशोक द्विवेदी |
|अनुवादक= | |अनुवादक= | ||
|संग्रह= | |संग्रह= |
11:53, 15 जून 2020 के समय का अवतरण
उनुका से कहि दऽ / डॉ अशोक द्विवेदी
रसे-रसे महुवा फुलाइल हो रामा
उनुका से कहि दऽ।
रस देखि भँवरा लोभाइल हो रामा
उनुका से कहि दऽ।
पुलुई चढ़ल फिरु
उतरल फगुनवा
कुहुँकि-कुहुँकि रे
बेकल मनवाँ
सपनो में चएन न आइल हो रामा।
उनुका से कहि दऽ।
टहटह खिलल आ
झरल अँजोरिया
झुरुकलि कइ राति
पुरुबी बयरिया
अँखिया अउर सपनाइल हो रामा
उनुका से कहि दऽ।
चइते लेसाइल
बिरह अगिनिया
सेजिया पऽ लोटेले
सुधि के नगिनिया
रतिया लगेले बिखियाइल हो रामा
उनुका से कहि दऽ।