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पर जल का नाम | पर जल का नाम | ||
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हिम नग से | हिम नग से | ||
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झरने | झरने | ||
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झरनों से नदियाँ | झरनों से नदियाँ | ||
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नदियों से सागर | नदियों से सागर | ||
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तक चल कर | तक चल कर | ||
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कितना भी आकाश उड़े | कितना भी आकाश उड़े | ||
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गिरे | गिरे | ||
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बहे | बहे | ||
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सूखे | सूखे | ||
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पर भेस बदल कर | पर भेस बदल कर | ||
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रूप बदल कर | रूप बदल कर | ||
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नाम बदल कर | नाम बदल कर | ||
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पानी, पानी ही रहता है। | पानी, पानी ही रहता है। | ||
श्रम का सीकर | श्रम का सीकर | ||
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दु:ख का आँसू | दु:ख का आँसू | ||
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हँसती आँखों में सपने-जल , | हँसती आँखों में सपने-जल , | ||
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कितने जाल डाल मछुआरे | कितने जाल डाल मछुआरे | ||
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पानी से जीवन छीनेंगे ? | पानी से जीवन छीनेंगे ? | ||
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कितने सूरज लू बरसा कर | कितने सूरज लू बरसा कर | ||
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नदियों के तन-मन सोखेंगे ? | नदियों के तन-मन सोखेंगे ? | ||
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उन्हें स्वयम् ही | उन्हें स्वयम् ही | ||
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पिघले हिम के | पिघले हिम के | ||
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जल-प्लावन में घिरना होगा | जल-प्लावन में घिरना होगा | ||
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फिर-फिर जल के | फिर-फिर जल के | ||
घाट-घाट पर | घाट-घाट पर | ||
− | |||
ठाठ-बाट तज | ठाठ-बाट तज | ||
− | |||
तिरना होगा, | तिरना होगा, | ||
− | |||
महाप्रलय में | महाप्रलय में | ||
− | |||
एक नाम ही शेष रहेगा | एक नाम ही शेष रहेगा | ||
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जल | जल | ||
− | |||
जल | जल | ||
− | |||
जल ही जल । | जल ही जल । |
23:03, 10 जून 2013 का अवतरण
जल, जल है
पर जल का नाम
बदल जाता है।
हिम नग से
झरने
झरनों से नदियाँ
नदियों से सागर
तक चल कर
कितना भी आकाश उड़े
गिरे
बहे
सूखे
पर भेस बदल कर
रूप बदल कर
नाम बदल कर
पानी, पानी ही रहता है।
श्रम का सीकर
दु:ख का आँसू
हँसती आँखों में सपने-जल ,
कितने जाल डाल मछुआरे
पानी से जीवन छीनेंगे ?
कितने सूरज लू बरसा कर
नदियों के तन-मन सोखेंगे ?
उन्हें स्वयम् ही
पिघले हिम के
जल-प्लावन में घिरना होगा
फिर-फिर जल के
घाट-घाट पर
ठाठ-बाट तज
तिरना होगा,
महाप्रलय में
एक नाम ही शेष रहेगा
जल
जल
जल ही जल ।