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"सबथोक /अन्ना आख्मातोभा / सुमन पोखरेल" के अवतरणों में अंतर
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10:30, 3 दिसम्बर 2020 के समय का अवतरण
सबै खोसिएको छ, ठगिएको छ, बेचिएकोछ,
कालो मृत्युको कालै पखेटा फिँजिएको छ टाउकामाथि।
सबैथोक खाइसकेको छ भोकले,
तै पनि आँखाअगाडि पर कतै
किन देखिँदैछ उज्यालो?
बिहान हुने बित्तिक्कै
शहरछेउको जङ्गल, सास फेर्छ चेरीको;
चेरीको सुगन्धको।
गर्मीको पारदर्शी गहिरो आकाशमा
रातैपिच्छे नयाँनयाँ ताराहरू छरिन्छन्।
एकदिन पक्कै हुनेछ कुनै चमत्कार
अँध्यारो र भत्किएकाको बीचबाट,
कुनै अज्ञात चमत्कार भएरै छाड्ने छ।
किनभने,
पर्खिरहेछौँ
यसलाई हामी
स-साना केटाकेटी छँदादेखि।
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