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"लहर / ऋतुराज" के अवतरणों में अंतर

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और सबके अंत में एक नन्हीं मछली  
 
और सबके अंत में एक नन्हीं मछली  
 
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जिसे हवा की ज़रूरत है
जिसे हवा की ज़रूरत है   प्रत्येक द्वार  
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प्रत्येक द्वार  
 
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में अकेलापन भरा है
में अकेलापन भरा है     प्रत्येक द्वार में  
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प्रत्येक द्वार में  
 
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प्रेम का एक चिह्न है  
 
प्रेम का एक चिह्न है  
 
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जिसे उल्टा पढ़ने पर मछली  
जिसे उल्टा पढ़ने पर मछली मछली नहीं  
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मछली नहीं रहती है आँख हो जाती है
 
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आँख  
रहती है आँख हो जाती है   आँख  
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आँख नहीं रहती है  
 
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आँसू बनकर चल देती है बाहर
आँख नहीं रहती है आँसू बनकर चल  
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हवा की तलाश में
 
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देती है बाहर   हवा की तलाश में
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19:52, 24 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

द्वार के भीतर द्वार
द्वार और द्वार
और सबके अंत में एक नन्हीं मछली
जिसे हवा की ज़रूरत है
प्रत्येक द्वार
में अकेलापन भरा है
प्रत्येक द्वार में
प्रेम का एक चिह्न है
जिसे उल्टा पढ़ने पर मछली
मछली नहीं रहती है आँख हो जाती है
आँख
आँख नहीं रहती है
आँसू बनकर चल देती है बाहर
हवा की तलाश में