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"पाटीमा ढाक्रेको पसारो / लेखनाथ पौड्याल" के अवतरणों में अंतर
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23:10, 13 फ़रवरी 2022 के समय का अवतरण
१
त्यै ठेलमठेल घुइँचो, हडबड सब त्य, त्यै छ खैला र बैला
कुम्ला, डोका, झिटीको खटपट सब त्य, त्यै छ फोहर मैला ।
त्यै ताकाताक, सेखी, सनक सकल, त्यै वास बस्ने प्रयास
तेही चौका चुह लाको गडबड, सबको त्यै अमिल्दो मिजास
२
त्यै भित्री नेत्र चिम्ली तरह तरहले धुरै घुर्ने झमेला
तेही तेरो र मेरो तं-त र म-म-मय भ्रान्तिले पर्ण मेला ।
त्यै यातायात गर्ने पथ, उस पथमा त्यै सधैंको अँध्यारो
ढाकेको त्यै अँध्यारो पथविचबिचको पाटीमा त्यै पसारो ॥