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"अन्तर / अजित कुमार" के अवतरणों में अंतर

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जो कल था  
 
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वही आज भी है
 
वही आज भी है

21:05, 1 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

जो कल था
वही आज भी है
छल
सिर्फ़ बँधने के लिए
मन
उतना सरल नहीं रहा ।

वही मोर नाचे वन में,
उसी
पूरे संतुलन में,

पर
अधूरापन एक
जाने कहाँ
करकने लगा ।