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"कन्धे बैठी रात पूस की / अमरनाथ श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर
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16:28, 28 मार्च 2021 के समय का अवतरण
कन्धे बैठी
रात पूस की
घुटने-घुटने
जल होता है
धोबी देख रहा है दीपक
आगे राजमहल होता है
ठकुरसुहाती
और चुटकुलों से
दरबाद
भरा रहता है
दीमक की
कुरसी उसको
जो दस्तावेज़
खरा रहता है
प्यादे से चालें वज़ीर की
नक़ली खेल असल होता है