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"उसकी पीठ / मनमोहन" के अवतरणों में अंतर
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21:01, 5 अक्टूबर 2018 के समय का अवतरण
उसकी पीठ
जब जाने के लिए मुड़ती है
तो उसी क्षण एक सूनी, अकेली और निष्ठुर जगह बनाती है
जो अनिवार्य है
जाते हुए उसकी पीठ को देखना
ठीक ठीक सबसे ज़्यादा अपने साथ होना है