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− | मैं तुझे | + | उतर आ लकड़ी के चकरबाज़ घोड़े से |
− | + | फेंक दे यह झुनझुना | |
− | + | मैं तुझे लोहे की गोली दूँगा ! | |
− | + | साँप हवा पीता है जैसे—सोच नहीं । | |
+ | क्या बाँध रक्खा है गठरी में | ||
+ | चूड़ी के टुकड़े | ||
− | + | रेशमी लत्तड़ | |
− | + | राँगे के मुकुट | |
− | + | कुछ चिथड़ा तस्वीरें ? | |
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− | मैं | + | फेंक इन्हें |
− | + | मैं तुझे दूसरा तमाशा दिखाऊँगा | |
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− | + | आले में छोटा | |
+ | संदूक़ रखा है। | ||
− | + | झाँक भला | |
− | + | पहले सूराख से | |
− | + | भीतर कुछ दिखता है ? | |
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− | + | मार लोहा ज़ोर से | |
− | + | डर नहीं | |
− | + | यह छटपटाहट तेरी नहीं | |
− | + | शीशा | |
+ | टूटा है ! | ||
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09:46, 18 दिसम्बर 2022 के समय का अवतरण
उतर आ लकड़ी के चकरबाज़ घोड़े से
फेंक दे यह झुनझुना
मैं तुझे लोहे की गोली दूँगा !
साँप हवा पीता है जैसे—सोच नहीं ।
क्या बाँध रक्खा है गठरी में
चूड़ी के टुकड़े
रेशमी लत्तड़
राँगे के मुकुट
कुछ चिथड़ा तस्वीरें ?
फेंक इन्हें
मैं तुझे दूसरा तमाशा दिखाऊँगा
कच्ची दालान पर
आले में छोटा
संदूक़ रखा है।
झाँक भला
पहले सूराख से
भीतर कुछ दिखता है ?
मार लोहा ज़ोर से
डर नहीं
यह छटपटाहट तेरी नहीं
शीशा
टूटा है !