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"मैं पुकारता हूँ कि ग़ौर करो / गुन्नार एकिलोफ़" के अवतरणों में अंतर
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कभी तुमने धोया-पोंछा था मुझे | कभी तुमने धोया-पोंछा था मुझे | ||
बुहारकर मेरी ही यादें मेरे बारे में | बुहारकर मेरी ही यादें मेरे बारे में |
02:28, 24 नवम्बर 2008 का अवतरण
मैं पुकारता हूँ कि ग़ौर करो
पुकारता हूँ कि आओ क़ब्र से बाहर
कभी तुमने धोया-पोंछा था मुझे
बुहारकर मेरी ही यादें मेरे बारे में
सब मेरी यादें मेरे अपने बारे में
अब एक दिन मैं बुहार दूंगा तुम्हें
तुम्हारी याद और मेरे बारे में तुम्हारी यादों से
ताकि कोई खड़ा नहीं हो हम दोनों के बीच ।