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तुम्हें आख़िरकार
 
तुम्हें आख़िरकार

11:14, 9 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

तुम्हें आख़िरकार
देख रहा हूँ

तुम्हारी आँखों में
गुज़रे वक़्त के आँसू हैं

मैं तुम्हें हमेशा के लिए
छोड़कर जाने वाला हूँ

यकायक देखता हूँ
तुम्हारे पीछे खड़ी
एक दूसरी स्त्री को
जो लगभग तुम्हारी जैसी है

मुझ से कह रही है
किसी को छोड़कर तुम
कैसे पा सकोगे मुझे?