"खेसाड़ी दाल की तरह निन्दित / ज्ञानेन्द्रपति" के अवतरणों में अंतर
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खेसाड़ी दाल की तरह निन्दित | खेसाड़ी दाल की तरह निन्दित | ||
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उखाड़कर फेंक दिया जाऊँगा | उखाड़कर फेंक दिया जाऊँगा | ||
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भारतीय कविता के क्षेत्र से | भारतीय कविता के क्षेत्र से | ||
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उस जगह लाल गाल वाले टमटार बोये जायेंगे | उस जगह लाल गाल वाले टमटार बोये जायेंगे | ||
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टमाटर ही टमाटर | टमाटर ही टमाटर | ||
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जैव प्रयोगशालाओं में परिवर्तित अन्त:रचनावाले | जैव प्रयोगशालाओं में परिवर्तित अन्त:रचनावाले | ||
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स्वस्थ-सुन्दर-दीर्घायु | स्वस्थ-सुन्दर-दीर्घायु | ||
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गुदाज़ होगी उनकी देह | गुदाज़ होगी उनकी देह | ||
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अनिन्द्य होगा उनका रस | अनिन्द्य होगा उनका रस | ||
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बोतलों में सरलता से बन्द होकर | बोतलों में सरलता से बन्द होकर | ||
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शुष्कहृदयों को रसिक बनायेंगे | शुष्कहृदयों को रसिक बनायेंगे | ||
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रसिकों को ललचायेंगे | रसिकों को ललचायेंगे | ||
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और रसज्ञों को भायेंगे | और रसज्ञों को भायेंगे | ||
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वे टमाटर | वे टमाटर | ||
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इनके खेत और उनके घर भरेंगे | इनके खेत और उनके घर भरेंगे | ||
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उनके गुण गाते न थकेंगे गुणीजन | उनके गुण गाते न थकेंगे गुणीजन | ||
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उनकी अनुशंसा होगी , प्रशंसा होगी | उनकी अनुशंसा होगी , प्रशंसा होगी | ||
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वे योगानुकूल माने जायेंगे निर्विवाद | वे योगानुकूल माने जायेंगे निर्विवाद | ||
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मानव-संसाधन-मन्त्रालय के अन्तर्गत | मानव-संसाधन-मन्त्रालय के अन्तर्गत | ||
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संस्कृति विभाग में | संस्कृति विभाग में | ||
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गुपचुप खुला है एक प्रकोष्ठ | गुपचुप खुला है एक प्रकोष्ठ | ||
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कृषि-मन्त्रालय के खाद्य प्रसंस्करण प्रभाग के साझे में | कृषि-मन्त्रालय के खाद्य प्रसंस्करण प्रभाग के साझे में | ||
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क्योंकि अब लक्ष्य है निर्यात और अभीष्ट है विदेशी पूँजी-निवेश | क्योंकि अब लक्ष्य है निर्यात और अभीष्ट है विदेशी पूँजी-निवेश | ||
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और यह है निश्चित | और यह है निश्चित | ||
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कि देसी और दुब्बर खेसाड़ी दाल की तरह निन्दित | कि देसी और दुब्बर खेसाड़ी दाल की तरह निन्दित | ||
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उखाड़कर फेंक दिया जाऊँगा | उखाड़कर फेंक दिया जाऊँगा | ||
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भारतीय कविता के क्षेत्र से | भारतीय कविता के क्षेत्र से | ||
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क्योंकि अब | क्योंकि अब | ||
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इतिहास की गति के भरोसे न बैठ | इतिहास की गति के भरोसे न बैठ | ||
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इतिहास की मति बदलने की तकनीक है उनकी मुट्ठी में | इतिहास की मति बदलने की तकनीक है उनकी मुट्ठी में | ||
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खो जाऊँगा | खो जाऊँगा | ||
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जिस तरह खो गयी है | जिस तरह खो गयी है | ||
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बटलोई में दाल चुरने की सुगन्ध | बटलोई में दाल चुरने की सुगन्ध | ||
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अधिकतर घरों में | अधिकतर घरों में | ||
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और अखबारों को खबर नहीं | और अखबारों को खबर नहीं | ||
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अख़बारों के पृष्ट पर | अख़बारों के पृष्ट पर | ||
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विज्ञापनों से बची जगह में | विज्ञापनों से बची जगह में | ||
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वर्ल्ड बैंक के आधिकारिक प्रवक्ता का बयान होगा | वर्ल्ड बैंक के आधिकारिक प्रवक्ता का बयान होगा | ||
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खुशी और धमकी के ताने-बानेवाला बयान | खुशी और धमकी के ताने-बानेवाला बयान | ||
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जिसका मसौदा | जिसका मसौदा | ||
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किसी अर्थशास्त्री ने नहीं | किसी अर्थशास्त्री ने नहीं | ||
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किसी भाषाशास्त्री ने नहीं | किसी भाषाशास्त्री ने नहीं | ||
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बल्कि सामरिक जासूसों की स्पेशल टीम ने | बल्कि सामरिक जासूसों की स्पेशल टीम ने | ||
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टास्क फोर्स ने | टास्क फोर्स ने | ||
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तैयार किया होगा | तैयार किया होगा | ||
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ढँकने-तोपने-कैमाओफ्लेज-में माहिर | ढँकने-तोपने-कैमाओफ्लेज-में माहिर | ||
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पेन्टागन और सी. आई.ए. के चुनिन्दा युद्धकला-विशारद अफ़सरों के | पेन्टागन और सी. आई.ए. के चुनिन्दा युद्धकला-विशारद अफ़सरों के | ||
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एक संयुक्त गुप्त दल ने । | एक संयुक्त गुप्त दल ने । | ||
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12:44, 12 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण
खेसाड़ी दाल की तरह निन्दित
उखाड़कर फेंक दिया जाऊँगा
भारतीय कविता के क्षेत्र से
उस जगह लाल गाल वाले टमटार बोये जायेंगे
टमाटर ही टमाटर
जैव प्रयोगशालाओं में परिवर्तित अन्त:रचनावाले
स्वस्थ-सुन्दर-दीर्घायु
गुदाज़ होगी उनकी देह
अनिन्द्य होगा उनका रस
बोतलों में सरलता से बन्द होकर
शुष्कहृदयों को रसिक बनायेंगे
रसिकों को ललचायेंगे
और रसज्ञों को भायेंगे
वे टमाटर
इनके खेत और उनके घर भरेंगे
उनके गुण गाते न थकेंगे गुणीजन
उनकी अनुशंसा होगी , प्रशंसा होगी
वे योगानुकूल माने जायेंगे निर्विवाद
मानव-संसाधन-मन्त्रालय के अन्तर्गत
संस्कृति विभाग में
गुपचुप खुला है एक प्रकोष्ठ
कृषि-मन्त्रालय के खाद्य प्रसंस्करण प्रभाग के साझे में
क्योंकि अब लक्ष्य है निर्यात और अभीष्ट है विदेशी पूँजी-निवेश
और यह है निश्चित
कि देसी और दुब्बर खेसाड़ी दाल की तरह निन्दित
उखाड़कर फेंक दिया जाऊँगा
भारतीय कविता के क्षेत्र से
क्योंकि अब
इतिहास की गति के भरोसे न बैठ
इतिहास की मति बदलने की तकनीक है उनकी मुट्ठी में
खो जाऊँगा
जिस तरह खो गयी है
बटलोई में दाल चुरने की सुगन्ध
अधिकतर घरों में
और अखबारों को खबर नहीं
अख़बारों के पृष्ट पर
विज्ञापनों से बची जगह में
वर्ल्ड बैंक के आधिकारिक प्रवक्ता का बयान होगा
खुशी और धमकी के ताने-बानेवाला बयान
जिसका मसौदा
किसी अर्थशास्त्री ने नहीं
किसी भाषाशास्त्री ने नहीं
बल्कि सामरिक जासूसों की स्पेशल टीम ने
टास्क फोर्स ने
तैयार किया होगा
ढँकने-तोपने-कैमाओफ्लेज-में माहिर
पेन्टागन और सी. आई.ए. के चुनिन्दा युद्धकला-विशारद अफ़सरों के
एक संयुक्त गुप्त दल ने ।