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"क्‍यों घर में हो / शक्ति चटोपाध्‍याय" के अवतरणों में अंतर

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बंद पड़े हैं दरवाजे
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बंद पड़े हैं दरवाज़े
 
सोया हुआ है सारा मुहल्‍ला
 
सोया हुआ है सारा मुहल्‍ला
सिर्फ कभी-कभी सुनाई पड़ती है
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सिर्फ़ कभी-कभी सुनाई पड़ती है
 
रात की दस्‍तक-
 
रात की दस्‍तक-
 
'अवनि'  घर में हो ?
 
'अवनि'  घर में हो ?
  
बारह मास यहां वर्षा होती है
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बारह मास यहाँ वर्षा होती है
 
बारहों मास यहां उमड़ते-घुमड़ते हैं मेघ
 
बारहों मास यहां उमड़ते-घुमड़ते हैं मेघ
 
चरती हुई गाय की तरह
 
चरती हुई गाय की तरह
 
गंदी नाली में उगी घास ने
 
गंदी नाली में उगी घास ने
बढ़कर छेंक लिया है समूचे दरवाजे को-
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बढ़कर छेंक लिया है समूचे दरवाज़े को-
 
'अवनि'  घर में हो ?
 
'अवनि'  घर में हो ?
  
 
भरे हुए मन से
 
भरे हुए मन से
 
फैले हुए दुखों के बीच
 
फैले हुए दुखों के बीच
मैं सो जाता हूं लगाकर बिस्‍तर
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मैं सो जाता हूँ लगाकर बिस्‍तर
कि अचानक सुनता हूं फिर वही दस्‍तक-
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कि अचानक सुनता हूँ फिर वही दस्‍तक-
 
'अवनि'  घर में हो ?
 
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अनुवाद - गिरीश श्रीवास्‍तव
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'''अनुवाद - गिरीश श्रीवास्‍तव
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15:45, 10 फ़रवरी 2009 के समय का अवतरण

बंद पड़े हैं दरवाज़े
सोया हुआ है सारा मुहल्‍ला
सिर्फ़ कभी-कभी सुनाई पड़ती है
रात की दस्‍तक-
'अवनि' घर में हो ?

बारह मास यहाँ वर्षा होती है
बारहों मास यहां उमड़ते-घुमड़ते हैं मेघ
चरती हुई गाय की तरह
गंदी नाली में उगी घास ने
बढ़कर छेंक लिया है समूचे दरवाज़े को-
'अवनि' घर में हो ?

भरे हुए मन से
फैले हुए दुखों के बीच
मैं सो जाता हूँ लगाकर बिस्‍तर
कि अचानक सुनता हूँ फिर वही दस्‍तक-
'अवनि' घर में हो ?


अनुवाद - गिरीश श्रीवास्‍तव