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"जब मैं तेरा गीत लिखने लगी /अमृता प्रीतम" के अवतरणों में अंतर

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जब मैं तेरा गीत लिखने लगी
 
जब मैं तेरा गीत लिखने लगी
काग़ज़ के उपर उभर आयीं
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काग़ज़ के ऊपर उभर आईं
 
केसर की लकीरें
 
केसर की लकीरें
  
 
सूरज ने आज मेहंदी घोली
 
सूरज ने आज मेहंदी घोली
हथेलियों पर रंग गयी,
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हथेलियों पर रंग गई,
हमारी दोनो की तकदीरें  
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हमारी दोनों की तकदीरें  
 
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22:27, 13 फ़रवरी 2009 का अवतरण

 
मेरे शहर ने जब तेरे कदम छुए
सितारों की मुठियाँ भरकर
आसमान ने निछावर कर दीं

दिल के घाट पर मेला जुड़ा ,
ज्यूँ रातें रेशम की परियां
पाँत बाँध कर आई......

जब मैं तेरा गीत लिखने लगी
काग़ज़ के ऊपर उभर आईं
केसर की लकीरें

सूरज ने आज मेहंदी घोली
हथेलियों पर रंग गई,
हमारी दोनों की तकदीरें