"पेड़ की यात्रा / रोबेर साबातिए" के अवतरणों में अंतर
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18:56, 1 जनवरी 2010 का अवतरण
पेड़ गुजरता है सामने से
आदमी देखता है उसे
और महसूस करता है उसके हरे बालों को
पत्तियों से लदी बाँह हिलाता है पेड़
दीवार की ओर फिसलता है एक कोमल हाथ
शरद बटोरने वाला हाथ
और उपजाता है फल
समुद्र को सहलाने के लिए
बच्चा जब आता है
बोलता है जंगल
नहीं जानता बच्चा कि बोल सकते हैं पेड़ भी
रेत के घरौंदों की याद सुनी हों जैसे उसने
बूढ़ी छाल भी पहचानती है उसे
पर इस पीले चेहरे से डरती है
सब हटते जाते हैं
और कुछ पत्तियाँ चुराता है वह
समूचा पेड़ हिलता है
उसे विदा कहते हुए
एक नस के खातिर
वह रोता है सात जनम
एक सितारे के लिए खोता है अपनी आँखें
और बहा देता है अपनी जड़ें नदी में
गला सुखा देंगी आखिरी आहें
जब वहाँ चिड़ियाएँ नहीं बैठेंगी फिर कभी
कोई चीरता है वसंत को लगातार
छोटा पेड़ फैलाता है अपनी नंगी बाहें
और कहता है कुछ शब्द
जिन्हे चबा जाती है हवा।
मूल फ़्रांसिसी से अनुवाद : हेमन्त जोशी