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"भव्य दृश्य / ब्रज श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर
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'''पचमढ़ी का एक दर्शनीय पाइंट ’भव्य दृश्य’ देखकर''' | '''पचमढ़ी का एक दर्शनीय पाइंट ’भव्य दृश्य’ देखकर''' |
11:18, 21 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण
पचमढ़ी का एक दर्शनीय पाइंट ’भव्य दृश्य’ देखकर
मीलों दूर ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों की एक कतार
उस कतार के पीछे एक और कतार पहाड़ों की
फिर एक और कतार
उसके बाद भी दिखाई दे रही है एक कतार
ये बादल हैं या पहाड़ तय करना मुश्किल
चारों ओर सिर्फ़ ऊँचाई ही ऊँचाई
जिन्हें पत्थरों ने छुआ
अपने आकार से
इनके बीच में इतनी गहरी खाइयाँ
लिए हुए अपनी गोद में
झाड़ियाँ और अनगिन जानवर
...इतनी विशाल संरचना
जहाँ यह शाम का सूरज भी
एक दर्शक की तरह है
उसने रचा एक भव्य दृश्य
प्रकृति को ख़ुद भी
मालूम है कि नहीं