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"आपस का रिश्ता / नंद भारद्वाज" के अवतरणों में अंतर
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इतना करार तो बचा ही रहता है | इतना करार तो बचा ही रहता है |
20:57, 22 सितम्बर 2009 के समय का अवतरण
इतना करार तो बचा ही रहता है
हर वक़्त हाथी की देह में
कि अपनी पीठ पर सवार
महावत की मनमानियों को
उसके अंकुश समेत
उतार दे अपनी पीठ से बेलिहाज
और हासिल कर ले अपनी आज़ादी
सिर्फ़ अपनी परवरिश का लिहाज
उसके हाथों की मीठी थपकियाँ
और पेट भर आहार का भरोसा रोक लेता है
उसके इरादों को हर बार
एक अनकही हामी का आपसी रिश्ता
ऎसे ही बना रहता है दोनों के बीच
बरसों-बरस!