गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
पुष्प की अभिलाषा / माखनलाल चतुर्वेदी
16 bytes added
,
04:52, 6 अक्टूबर 2009
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
चाह नहीं मैं सुरबाला के
बिंध प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं, सम्राटों के शव
पर,
है
हे
हरि, डाला जाऊँ
चाह नहीं, देवों के शिर पर,
चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ!
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,393
edits