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"स्नो फॉल / ऋषभ देव शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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लटकती रहती हैं
 
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फि़रन की खाली बाँहें,
 
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हाथ सटाए रखते हैं
 
हाथ सटाए रखते हैं
 
 
कांगड़ी  को पेट से,
 
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राख में दबे अंगारे
 
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झुलसा देते हैं
 
झुलसा देते हैं
 
 
नर्म गुलाबी जि़ल्द को
 
नर्म गुलाबी जि़ल्द को
 
 
सख्त काली होने तक.
 
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और फुहिया बर्फ
 
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कुछ और सफेद हो जाती है
 
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स्याह और सुर्ख पर गिरकर !  
 
स्याह और सुर्ख पर गिरकर !  
 
 
 
 
 
 
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03:36, 22 अप्रैल 2009 के समय का अवतरण

लटकती रहती हैं
फि़रन की खाली बाँहें,
हाथ सटाए रखते हैं
कांगड़ी को पेट से,
राख में दबे अंगारे
झुलसा देते हैं
नर्म गुलाबी जि़ल्द को
सख्त काली होने तक.

और फुहिया बर्फ
कुछ और सफेद हो जाती है
स्याह और सुर्ख पर गिरकर !